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ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिणअफ्रीका,दोनों टीमों की प्लेइंग-11 में कुछ खास बदलाव

ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिणअफ्रीका,दोनों टीमों की प्लेइंग-11 में कुछ खास बदलाव

ब्यूरो रिपोर्ट : वर्ल्ड कप 2023 के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की टीमें दोनों आमने-सामने है। आपको बता दें कि यह मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बवुमा ने पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है।

टॉस जीतने के बाद बवुमा ने कहा, “हम पहले बल्लेबाजी करेंगे। हम सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के सामने है, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। हमें बस अपनी गेम प्लान पर बने रहना है। आज हमारी टीम में एनगिडी की जगह शम्सी और फेहलुकवायो की जगह यान्सिन आए हैं।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने भी इस पर कहा हैं कि“हम भी यहां पहले बल्लेबाजी करना पसंद करते। वैसे अभी मौसम गेंदबाजी के लिहाज से सही है। शुरुआत में अच्छी स्विंग मिल सकती है। हमारी टीम में आज स्टोयनिस और एबॉट की जगह मैक्सवेल और स्टार्क खेल रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिणअफ्रीका,दोनों टीमों की प्लेइंग-11 में कुछ खास बदलाव

ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के प्लेइंग-11 में क्याखास बदलाव हुए है?

ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग-11: डेविड वॉर्नर, ट्रेविस हेड, मिचेल मार्श, स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, जोश इंगलिस (विकेटकीपर), ग्लेन मैक्सवेल, पैट कमिंस (कप्तान), मिचेल स्टार्क, एडम जैम्पा, जोश हेजलवुड।

दक्षिण अफ्रीकी की प्लेइंग-11: क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), तेम्बा बावूमा (कप्तान), रासी वान डेर डूसैं, एडन मारक्रम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को यान्सिन, केशव महाराज, कगिसो रबाडा, जेराल्ड कोएत्जी, तबरेज शम्सी।

आज कैसा रहेगा पिच का मिजाज

आज मैच में स्पिन गेंदबाजों को अच्छा टर्न मिल सकता है। पिच पर तेज गेंदबाजों के लिए भी अच्छा बाउंस होगा।कहा जा सकता है कि गेंदबाज आज मैच में हावी रहेंगे। रात में दूसरी पारी के दौरान स्पिनर्स को पिच से और ज्यादा मदद मिलेगी।  पहले बल्लेबाजी करना ज्यादा फायदेमंद होगा।

भारत के ईडन गार्डन्स में क्रिकेट का रिकॉर्ड कैसा रहा है?

ईडन गार्डन्स में अब तक 35 वनडे मैच खेले गए हैं। इनमें 13 बार रन चेज करने वाली टीम को जीत मिली है। वहीं, 20 बार पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को सफलता मिली है। दो मुकाबले बेनतीजा भी रहे हैं। यहां 11 पारियों में 300+ का स्कोर बना है। वहीं 14 बार ऐसा भी हुआ है कि टीमें 200 का आंकड़ा भी नहीं छू सकी हैं।

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