ब्यूरो रिपोर्ट; सात फरवरी 1968 का वह दिन एक यादगार दिन है, जब बड़े भाई मलखान सिंह (Malkhan Singh) की विमान हादसे में निधन की सूचना मिली थी। उस समय का था, लेकिन परिवार के हालातों से वाकिफ था। देखता रहता था कि माता-पिता और भाभी समेत परिवार के अन्य सदस्य किस तरह परेशान रहते थे दरअसल बता दे की परिवार का कोई सदस्य देख भी नही सका और न ही अंत्येष्टी कर सके।56 साल बाद जब सेना के जवानों ने पार्थिव शरीर मिलने की सूचना दी तो दर्द जाग उठा।
56 वर्ष बाद Malkhan Singh का शव पहुंचा पैतृक आवास
दरअसल बता दे की कि आखिर भाई के निधन पर अब क्या करूं कि मन को शात कर सकू यह कहते-कहते मलखान सिंह (Malkhan Singh) के छोटे भाई इसमपाल सिंह की आंखों से आंसू छलक पड़े। यह एक ऐसी घटना है, जिस पर यकीन करना मुश्किल है।सियाचिन में 56 वर्ष पूर्व हवाई दुर्घटना में मृत्यु का शिकार हुए जवान मलखान सिंह का पार्थिव शरीर लद्दाख से सरसावा लाया गया।
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बता दे की दोपहर सवा 12 बजे पार्थिव शरीर को सशस्त्र जवानों ने अंतिम सलामी दी।पार्थिव शरीर को एक सम्मान के साथ रख कर शहीद सैनिक की अंतिम यात्रा काफिले के साथ उनके पैतृक गांव फतेहपुर पहुंची। बता दे की नारों के स्ममान का साथ उनके पार्थिव शरीर को घर तक ले जाया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव के बाहर से घर तक पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की। बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे।