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24 से पहले इडिया गठबंधन में दरार, अब इन्होने उतारे उम्मीदवार !

24 से पहले इडिया गठबंधन में दरार, अब इन्होने उतारे उम्मीदवार !

ब्यूरो रिपोर्टः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही INDIA गठबंधन में आपसी लड़ाई देखने को मिल रही है. पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर दिखाए फिर अब नीतिश ने इस गठबंधन को झटका दे दिया है. जेडीयू ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट  जारी कर दी है।

पहली लिस्ट में जेडीयू के 5 उम्मीदवारों का नाम है।पार्टी द्वारा सूची जारी करने के तुरंत बाद बिहार के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या INDIA गठबंधन आत्म-विनाश मोड में आ गया है. बता दें कि बिहार के महागठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस और RJD दोनों ही संबंधित दलों को बिहार सरकार में दो अतिरिक्त मंत्रियों की नियुक्ति का इंतजार है। नीतीश कुमार ने जब पटना में विपक्षी एकजुटता मुहिम की शुरुआत की थी।

24 से पहले इडिया गठबंधन में दरार, अब इन्होने उतारे उम्मीदवार !

तब विपक्ष में शामिल कई दलों के नेताओं की मेजबानी करते हुए नीतीश कुमार ने यह भरोसा दिलाया था कि अब बीजेपी के खिलाफ तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी या एनडीए के उम्मीदवारों के सामने इंडिया गठबंधन की तरफ से केवल एक साझा उम्मीदवार दिया जाएगा. लेकिन मौजूदा विधानसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी का धैर्य टूट गया और मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर है।

वहां जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। नीतीश कुमार की पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद भाजपा ने जेडीयू पर तंज कसा है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने कहा है कि नीतीश कुमार का धैर्य इसलिए टूट गया, क्योंकि उनकी पार्टी को किसी गठबंधन में तरजीह नहीं मिल रही है. जब जेडीयू को कोई पूछ नहीं रहा है तो वह अब अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहा है।

बीजेपी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के पहले ही इंडिया गठबंधन धराशाई हो गया है। बीजेपी की तरफ से निशाना साधे जाने के बाद जेडीयू ने भी अपनी तरफ से पहली प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने कहा है कि संगठन और चुनावी विस्तार के मकसद से उनकी पार्टी ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी ताकत देखना चाहती है और जो लोग भी इस पर सवाल उठा रहे हैं वह केवल राजनीति कर रहे हैं. जेडीयू का कहना है कि राजनीतिक मकसद से चुनाव मैदान में उतरने में कोई हर्ज नहीं है।

24 से पहले इडिया गठबंधन में दरार, अब इन्होने उतारे उम्मीदवार !

उधर आरजेडी ने भी जेडीयू उम्मीदवारों के मैदान में उतरने पर सफाई दी है. आरजेडी का कहना है कि लोकसभा की आगामी चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में की रूपरेखा तय की गई है, मौजूदा विधानसभा चुनाव में सभी दल अपने-अपने हिसाब से उम्मीदवार उतार रहे हैं. जहां संभव हो रहा है, वहां विपक्षी दल एक दूसरे की मदद भी कर रहे हैं. आरजेडी का दावा है कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया बीजेपी का सफाई कर देगी।

जेडीयू उम्मीदवारों की घोषणा के बाद भले ही आरजेडी सफाई दे रही हो लेकिन हकीकत यही है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवारों की अभी केवल पहली सूची जारी हुई है, यानी इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में जेडीयू के और उम्मीदवार भी मैदान में होंगे. यह देखना अभी दिलचस्प होगा कि जेडीयू क्या दूसरे राज्यों में भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतरता है? अगर ऐसा हुआ तो नीतीश की तरफ से शुरू की गई विपक्षी एकजुटता की मुहिम को उनकी ही पार्टी की तरफ से यह सबसे बड़ा झटका साबित होगा।

बता दें कि इससे पहले सपा ने भी बागी तेवर दिखाते हुए कांग्रेस से अलग अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया. इस बीच काफी बयानबाजी भी हुई। दरअसल चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव कांग्रेस पर जमकर बरसे. चुनावी सरगर्मी के बीच बढ़ी तल्खियों का स्तर इतना बढ़ गया कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं के लिए चिरकुट जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया. इसके बाद यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जो व्यक्ति अपने पिता का सम्मान नहीं कर सका, वह हम जैसे लोगों का क्या सम्मान करेगा?

इस पर अखिलेश ने पलटवार किया और कहा कि कुछ लोग बुजुर्ग होते हैं, उनके संस्कार गलत होते हैं. कभी किसी के पिता और मां-बहन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। सपा और कांग्रेस के बीच INDIA गठबंधन और बैठकों के समय सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जैसे ही मध्य प्रदेश में सीट शेयरिंग की बात आई तो बात बिगड़ने लगी. दरअसल, एमपी में समाजवादी पार्टी ने अपने 22 कैंडिडेटों के नाम का ऐलान किया था, इससे कांग्रेस बिफर गई और कहा कि अगर सपा इतनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो सीधे-सीधे बीजेपी को इससे फायदा होगा।

जब ये बात राजनीतिक गलियारों में फैली तो अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो ना हम मीटिंग में जाते और ना ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते। कांग्रेस की इस तल्खी को लेकर अखिलेश ने कहा था कि रात 1 बजे तक कांग्रेस नेताओं ने सपा नेताओं को बैठाकर रखा और बातचीत की. आश्वासन दिया कि कांग्रेस सपा के लिए 6 सीटों पर विचार करेगी. लेकिन जब लिस्ट आई तो उसमें सपा के एक भी उम्मीदवार को जगह नहीं दी गई।

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